जिला जनसम्पर्क कार्यालय, रायसेन (म0प्र0)
समाचार
सांची में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे मप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री नियाज मोहम्मद (मंत्री दर्जा) 25 दिसम्बर को रायसेन जिले के सांची में आयोजित बौद्ध समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। श्री नियाज मोहम्मद 25 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे भोपाल से प्रस्थान कर प्रातः 11 बजे सांची स्थित विश्राम गृह पहुचेंगे तथा स्थानीय लोगों से भेंट करेंगे। इसके पश्चात वे प्रातः 11.15 बजे महाबोधी बौद्ध बिहार में आयोजित बौद्ध समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होंगे। श्री नियाज मोहम्मद दोपहर 01 बजे अधिवेशन से सांची विश्राम गृह पहुचेंगे तथा दोपहर 02 बजे भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।
पीआरओ/स0क्र0 267/12-2019
जिला स्तरीय पीसीपीएनडीटी कार्य समिति की बैठक 28 दिसम्बर को
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
जिला स्तरीय पीसीपीएनडीटी कार्य समिति की बैठक 28 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई है। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
पीआरओ/स0क्र0 268/12-2019
जनसुनवाई
कलेक्टर ने सुनी लोगों की समस्याएं, अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ निराकरण करने के दिए निर्देश
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले भर से आए लोगों की समस्याओं, शिकायतों को सुना और संबंधित जिला अधिकारियों को उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला अधिकारियों को जनसुनवाई तथा सीएम हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त होने वाले आवेदनों का प्राथमिकता के साथ संतोषजनक निराकरण किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जनसुनवाई में आए ग्राम बारला निवासी श्री गजराज सिंह ने कलेक्टर श्री भार्गव को खाद्यान्न पर्ची बनवाने के लिए आवेदन देते हुए बताया कि वह गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है। गजराज सिंह ने बताया कि गरीबी रेखा का परमिट नहीं होने के कारण उसे शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कलेक्टर श्री भार्गव जिला खाद्य अधिकारी को इस प्रकरण में जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम सिरसोदा निवासी श्री घसीटा अहिरवार ने कलेक्टर श्री भार्गव को आर्थिक सहायता संबंधी आवेदन देते हुए बताया कि वह एक माह पहले ईलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती हुआ था। ईलाज के दौरान डॉ अहिरवार द्वारा मुझे दो इंजेक्शन लगाए गए थे, जिस कारण मेरे शरीर के आधे हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है। इसके बाद डॉ अहिरवार द्वारा मुझे भोपाल में भर्ती होने के लिए लिख दिया। भोपाल में ईलाज कराने के बाद भी मुझे कोई आराम नहीं मिला है। कलेक्टर श्री भार्गव ने एसडीएम रायसेन को इस प्रकरण में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
रायसेन के वार्ड क्रमांक-07 ठाकुर मोहल्ला निवासी दिव्यांग श्री तेजराम कुम्हार ने कलेक्टर श्री भार्गव को आवेदन देते हुए बताया कि वह दिव्यांग हैं और किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। तेजराम ने बताया कि वह और उसका परिवार झोपड़ी में निवास करता है तथा उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन भी किया था। प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम आने के 06 महीने बाद भी उसे अब तक आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जबकि उसके आसपास के लोगों के आवास योजना के तहत कुटीर बन गए हैं। कलेक्टर श्री भार्गव ने पीओ डूडा श्री पीके चावला को इस प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही करते हुए अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इस जनसुनवाई में 79 लोगों ने अपनी समस्याओं एवं शिकायतों के निराकरण के लिए आवेदन दिए। जो कि पेंशन, अतिक्रमण, अवैध कब्जा, बीमारी में सहायता, आर्थिक सहायता, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बीपीएल राशन कार्ड, विद्युत बिल आदि से संबंधित थे। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर श्री अनिल डामोर, डिप्टी कलेक्टर श्री एलके खरे तथा श्री संजय उपाध्याय सहित अनेक विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
पीआरओ/स0क्र0 265/12-2019
अनाधिकृत रूप से खेती करने वालों के हटाएं जाएंगे कब्जे
बारना डूब आवंटन समिति की बैठक आयोजित
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
जिले के बाड़ी में बारना डूब पट्टा आवंटन समिति की बैठक अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बारना डूब से निकली भूमि के पट्टे डूब पीड़ित एवं डूब प्रभावित भूमिहीनों को दिए जाने का निर्णय लिया गया। पट्टा वितरण कार्य समिति अध्यक्ष तथा सदस्यों की उपस्थिति में मौके पर जाकर किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में बारना डेम की भूमि पर अनाधिकृत रूप से खेती कर रहे व्यक्तियों के कब्जे हटाने के लिए राजस्व एवं पुलिस बल का सहयोग लिए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में समिति के सदस्य श्री हितेश साहू, कार्यपालन यंत्री श्री एचडी कुम्हार, अनुविभागीय अधिकारी श्री जीएस तोमर भी उपस्थित थे।
पीआरओ/स0क्र0 266/12-2019
निवेश और रोजगार के अवसरों में दिनों-दिन हो रही वृद्धि
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
मध्यप्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये नीति सहित अधोसंरचना में पिछले एक साल में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में सफल रहा है। अब प्रदेश में औद्योगिक निवेश का परिदृश्य बदलने लगा है। निवेशक पूरे विश्वास के साथ प्रदेश में निवेश करने के लिये अग्रसर हो रहे हैं।
नीतिगत निर्णय
उद्योग संवर्धन नीति-2014 में प्रावधानित सुविधाओं का लाभ लेने के लिये उद्योगों द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। जीएसटी व्यवस्था लागू होने से उद्योग संवर्धन नीति 2014 में वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू की है।
राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह मुम्बई को इन्दौर से रेल मार्ग द्वारा जोड़ने के लिये इक्विटी अंशदान के रूप में 15 प्रतिशत की सहभागिता करने का निर्णय लिया है। इसमें इंदौर से मनमाड़ तक रेल परियोजना का क्रियान्वयन होगा। इस परियोजना से प्रदेश में उत्पादित माल का परिवहन सुगम हो सकेगा। औद्योगिक इकाइयों को उनके परिसरों में रूफटॉफ पर सौर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट के माध्यम से हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके पहले चरण में मंडीदीप और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। निवेशकों तथा उद्योग संगठनों से प्राप्त सुझाव के अनुरूप उद्योग सवंर्धन नीति-2014 में नवीन संशोधन/प्रावधान करते हुए इकाइयों को अतिरिक्त सुविधाएँ देने का निर्णय लिया गया है।
विशेष अधोसंरचना विकास
पीथमपुर में स्थापित उद्योगों को निरन्तर जल प्रदाय के लिये 290 करोड़ की 90 एमएलडी जल- प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया गया है। इससे उद्योगों को जल-प्रदाय शुरू कर दिया गया है। पीथमपुर में 300 करोड़ से 465 हेक्टेयर क्षेत्र में स्मार्ट इन्टीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क का विकास किया गया है। इसमें उद्योगों को भूमि आवंटन किया जा रहा है। प्रदेश में रोजगारमूलक उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये 169 करोड़ 50 लाख की लागत से चार टेक्सटाइल गारमेंट पार्क बुढ़ीबरलई इन्दौर, अचारपुरा भोपाल, लेहगडुआ छिंदवाड़ा और जावरा रतलाम में स्थापित किये जा रहे हैं।
मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश
राज्य के औद्योगिक केंद्र, इंदौर शहर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन 18 अक्टूबर 2019 को किया गया। देश के प्रमुख उद्योगपतियों एवं औद्योगिक हितधारकों को एक मंच पर लाकर प्रदेश में निवेश के लिये उनके मन में विश्वास पैदा करने का उद्देश्य था। आयोजन में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा देशभर के उद्योगपतियों, प्रमुख हितधारकों, नीति निर्माताओं एवं उद्योग विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया गया। इस मौके पर मध्यप्रदेश में उपलब्ध संभावनाओं का प्रदर्शन करते हुए निवेश प्रोत्साहित करने के लिये आठ थीमेटिक सेशन भी आयोजित किये गये।
उद्योगों को भूमि आवंटन
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य सरकार ने 248 इकाइयों को लगभग 243 एकड़ भूमि आवंटित की है। इसमें 3793 करोड़ 20 लाख रुपयेका पूंजी निवेश तथा लगभग आठ हजार व्यक्तियों के लिये रोजगार के अवसर निर्मित होना संभावित है। वृहद औद्योगिक परियोजनाओं में वृहद श्रेणी की 57 नवीन और विस्तारित इकाइयाँ स्थापित हो गई हैं। इनमें 6187 करोड़ से ज्यादा का पूंजी निवेश हुआ है और 13 हजार से ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार मिला है।
30 हजार 186 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
निवेशकों ने राज्य सरकार पर विश्वास व्यक्त करते हुए विभागीय सिंगल विंडो सिस्टम में विनिर्माण क्षेत्र में करीब 30 हजार 187 करोड़ के निवेश के 407 प्रस्ताव प्रस्तुत किये हैं। इन प्रस्तावों में 59 हजार 247 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना दर्शायी गयी है। इसमें 9911 करोड़ पूंजी निवेश के 10 प्रमुख निवेश प्रस्ताव शामिल हैं, जिनमें 6380 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है। निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति की हुई तीन बैठक में कुल 9189 करोड़ 90 लाख पूंजी निवेश तथा 9529 व्यक्तियों को रोजगार के 13 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गयी है। उद्योग संवर्धन नीति में प्रावधानित सुविधाओं के अन्तर्गत राज्य सरकार ने 213 प्रकरणों में 466 करोड़ 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।
पीआरओ/स0क्र0 259/12-2019
फसल बीमा कम्पनियाँ तहसील स्तर पर शुरू करें टोल फ्री नंबर
मंत्री श्री सचिन यादव ने की फसल बीमा योजना की समीक्षा
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री सचिन यादव ने मंत्रालय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बीमा क्लॉज के अनुसार किसान को 72 घण्टे के भीतर फसल हानि की सूचना संबंधित बीमा कम्पनी को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कम्पनियों द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर अक्सर फोन नहीं लगता। श्री यादव ने इस समस्या को दूर करने के लिये फसल बीमा कम्पनियों को तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिये।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि सभी फसल बीमा कम्पनियां तहसील स्तर नियुक्त कर्मचारियों तथा फसल हानि की सूचना देने वाले किसानों की जानकारी दो दिन में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि किसान को फसल बीमा राशि की अंशदान की रसीद देना भी सुनिश्चित किया जाए। श्री यादव ने निर्देशित किया कि फसल हानि पर यथाशीघ्र नियमानुसार क्लेम राशि का भुगतान किया जाना शुरू करें।
27 लाख से अधिक किसानों की फसलों का 15 हजार करोड़ से अधिक का बीमा
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ-2019 के लिये 15 हजार 221 करोड़ 52 लाख रूपये का बीमा किया गया। किसानों की कुल 54 लाख 58 हजार 8 सौ 66 हेक्टेयर कृषि भूमि इसमें शामिल थी। बीमा प्रीमियम के लिये किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रूपये तथा राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रूपये का है। किसानों को नियमानुसार फसल नुकसानी का क्लेम यथाशीघ्र दिलाया जाएगा। बैठक में संचालक कृषि श्री संजीव सिंह, अपर संचालक श्री बी.एम. सहारे तथा एआईसी, बजाज, न्यू इण्डिया, ओरिएंटल, रिलायन्स, इफ्को-टोकियो बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पीआरओ/स0क्र0 260/12-2019
दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (एआरएस) कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों ने दी राय
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
कोई भी व्यक्ति दुर्घटना अथवा अन्य चिकित्सकीय आवश्यकता अथवा यातायात स्थिति की सूचना देने के लिये टोल-फ्री नम्बर 1099 पर फोन कर सकता है। नियंत्रण-केन्द्र में कॉल ट्रेकर फोन करने वाले व्यक्ति से दुर्घटना संबंधी जानकारी एकत्रित करता है और विश्लेषण करने के बाद घटना स्थल पर एम्बुलेंस भेजने की व्यवस्था करता है। राज्य सड़क विकास निगम में आज दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (एक्सीडेंटल रिस्पांस सिस्टम) पर हुई कार्यशाला में यह जानकारी दी गई।
कार्यशाला में बताया गया कि सड़क विकास निगम में आने वाले राजमार्गों, राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य जिला मार्गों पर लगभग 20 हजार किलोमीटर पर यह सिस्टम लागू किया गया है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की सहायता के लिये राज्य-स्तर पर क्रियान्वित यह पहली परियोजना है। यह परियोजना बीओटी मॉडल पर लागू करने वाली विश्व की संभवतरू पहली परियोजना होगी। इस प्रणाली द्वारा अब तक 1300 से ज्यादा पीड़ितों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की गई है।
कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों ने सड़क सुरक्षा के लिये सुझाव दिये। मैनिट के प्रो. श्री सिद्धार्थ रोकड़े ने कहा कि रोड सेफ्टी ऑडिट की तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ यू-टर्न बनाना चाहिए, नहीं तो लोग खुद-ब-खुद इसे जनरेट कर दुर्घटना का कारण बनते हैं। जंक्शन पर विजिबिलिटी आवश्यक है। नॉन परफार्मिंग सिग्नल्स खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे अनसेफ जंक्शन दुर्घटना के कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि रोड मार्किंग बहुत जरूरी है। दुर्घटनाओं को रोकने में इसका अहम हिस्सा है।
उप पुलिस अधीक्षक श्री जी.पी. गुप्ता ने बताया कि डायल-100 में एक हजार एफआरबी और 150 एफआरबी मोटर-साइकिल प्रदेश में काम कर रही हैं। कम समय में रिस्पांस कर डायल-100 ने 95 प्रतिशत लोगों को संतुष्ट किया है। उन्होंने बताया कि कॉल-सेंटर पर 110 लोग तुरंत रिस्पांस के लिये प्रतिदिन 24 घंटे काम कर रहे हैं। कार्यशाला में रोड सेफ्टी इंजीनियरिंग के बारे में भी चर्चा की गई। कहा गया कि फायर बिग्रेड, क्रेन, पुलिस वाहन और एम्बुलेंस सहित हॉस्पिटल की जानकारी कंट्रोल-रूम में होना चाहिये, ताकि तुरंत दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को रिस्पांस मिल सके। बताया गया कि हॉस्पिटल्स की मेपिंग की जा रही है। जनता और वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्लान तैयार करने को कहा गया।
विषय-विशेषज्ञ श्री सुधीर निगम ने रोड डिजाइन कंस्ट्रक्शन और हाई स्पीड को दुर्घटना का कारण बताया। कार्यशाला में इंटरनेशनल रोड सेफ्टी एक्सपर्ट श्री जेकब जॉन, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट यूआरएस स्काट मिशन डॉ. नवीन कुमार, एमपीआरडीसी के प्रमुख अभियंता श्री एस.के.ए. जैदी, मुख्य अभियंता श्री बी.एम. शर्मा, पीटीआरआई के ए.आई.जी. श्री प्रशांत शर्मा मौजूद थे।
पीआरओ/स0क्र0 261/12-2019
भापुसे अधिकारियों को ऑनलाइन अचल सम्पत्ति विवरण देने के निर्देश
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
अखिल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को वर्षांत 31 दिसम्बर, 2019 की स्थिति में अचल सम्पत्ति विवरण-पत्रक 31 जनवरी, 2020 तक प्रस्तुत करने को कहा गया है। ये अधिकारी ैच्।त्त्व्ॅ वेबसाइट के माध्यम से विवरण-पत्रक ऑनलाइन देंगे। गृह विभाग ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को ऑनलाइन अचल सम्पत्ति विवरण-पत्रक भरने के लिये निर्देश दिये हैं।
पीआरओ/स0क्र0 262/12-2019
सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में आयुष विंग की स्थापना के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने की आयुष विभाग की समीक्षा
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश के सभी चिकित्सा माहविद्यालयों में आयुष विंग की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आज मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति आम जनता में रूझान बढ़ा है लेकिन अपेक्षित विकास न होने के कारण लोग इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है। श्री कमल नाथ ने कहा कि आगामी एक माह में लक्ष्य आधारित कार्य-योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करें। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान नीमच जिले में हर्बल मण्डी बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस संबंध में आवश्यक सहमति पत्र भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव का पाक्षिक फॉलोअप करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ है। इनका समुचित दोहन न होने के कारण प्रदेश को और यहाँ के नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। उन्होंने प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। श्री कमल नाथ ने कहा कि आज पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में पंचक्रम योग जैसी कई विधाएँ हैं, जो मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य बनाने के साथ ही गंभीर बीमारियों का भी निदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्य-योजना तैयार करें और निजी क्षेत्रों को अवसर प्रदान करें।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश में आयुष पद्धति में शोध एवं विकास की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विश्व के अग्रणी देशों जैसे होम्योपैथी में जर्मनी और हर्बल मेडीसिन में चीन में अध्ययन के लिए आयुष विभाग का दल भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि यह दल इस चिकित्सा पद्धति में एमओयू की संभावनाओं का भी पता लगाए। उन्होंने प्रदेश में आयुष की विभिन्न पद्धतियों तथा विकसित औषधियों के संबंध में पेटेंट प्राप्त करने और शोध एवं विकास को अभिलिखित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्धति से जुड़ी विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्यवर्द्धक जानकारियों, आयुर्वेदिक उपायों तथा औषधीय पौधों की पुस्तकें प्रकाशित करने को कहा। उन्होंने इन पुस्तकों का अंग्रेजी में भी अनुवाद करवाकर सभी पर्यटन सूचना केन्द्र, होटल और निजी होटल के साथ सभी ऐसे स्थानों में, जहाँ प्रचार-प्रसार हो सके, उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, आयुक्त आयुष डॉ. एम.के. अग्रवाल, उप संचालक आयुष डॉ. पी.सी. शर्मा एवं प्राचार्य पंडित खुशीलाल महाविद्यालय डॉ. उमेश शुक्ला उपस्थित थे।
पीआरओ/स0क्र0 263/12-2019
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना - नौकरी के साथ प्रोत्साहन राशि
रायसेन, 24 दिसम्बर 2019
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों में सफल अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग की अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 40 हजार रूपये, मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 60 हजार रूपये एवं साक्षात्कार के बाद सफल होने पर 50 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। आय सीमा का किसी भी तरह का बंधन नहीं है।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में विभिन्न स्तरों पर सफल जनजातीय अभ्यर्थियों को भी प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जा रही है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 20 हजार रूपये, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 30 हजार रूपये और साक्षात्कार के बाद सफल होने पर 25 हजार रूपये की राशि दी जा रही है।
पीआरओ/स0क्र0 264/12-2019